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बाल-दिवस पर एक “बाल-गीत” – हम हैं नन्हें – मुन्ने -बच्चे….

KALAM KA KAMAL
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१४ नवम्बर अर्थात बाल-दिवस | इस अवसर पर एक बाल गीत -जिसमें नन्हें – मुन्नों की…बाल-सुलभ .. प्यारी – प्यारी बातों का – शरारतों का ज़िक्र किया है- ,उसे मैं निम्नांकित कर रही हूँ –

बाल-गीत
……………

हम हैं नन्हें – मुन्ने बच्चे , झूमे -नाचे -गायें
झूमे -नाचे -गायें , मिलकर धूम मचायें …….

सा,रे,ग,म, सा,रे,ग,म, सा,रे,ग,म, सा….सां….।

जब हम जायें बागों में, तितली पकड़ने दौड़े –(2बार गाना )
तितली को तो पकड़ ना पायें , फूल तोड़ के भागे ….
*हम हैं नन्हें – मुन्ने बच्चे , झूमे -नाचे -गायें
झूमे -नाचे -गायें , मिलकर धूम मचायें …….
सा,रे,ग,म, सा,रे,ग,म, सा,रे,ग,म, सा….सां….।

समुंदर तट पे जब हम जायें , पानी पे छप-छप खेलें –(2बार गाना )
रेत पे अपना नाम लिखें और घर-मंदिर बनायें ..

* हम हैं नन्हें – मुन्ने बच्चे , झूमे -नाचे -गायें
झूमे -नाचे -गायें , मिलकर धूम मचायें …….
सा,रे,ग,म, सा,रे,ग,म, सा,रे,ग,म, सा….सां….।

जब-जब पिकनिक पे हम जायें ,एस्सेल-वर्ल्ड में धूम मचायें –(2बार गाना )
खेंले-कूदें-झूला झूलें , भेलपुरी-आइस्क्रीम खायें

* हम हैं नन्हें – मुन्ने बच्चे , झूमे -नाचे -गायें
झूमे -नाचे -गायें , मिलकर धूम मचायें …….
सा,रे,ग,म, सा,रे,ग,म, सा,रे,ग,म, सा….सां….।

मीनाक्षी श्रीवास्तव

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