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मातारानी का सजा दरबार , आयी नवरात्री..

KALAM KA KAMAL
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प्रेम से बोलो-जय माता दी! जागरण के सभी  सभी सदस्यों को मेरी ओर से ” नवरात्रि ” की मंगलमयी बधाई !

चारों ओर ‘नवरात्री’ की धूम मची हुई है घर–घर पे- देवी मां की ज्योति जली है ।

नवरात्रि गीत “ के माध्यम से जिसको मैंने इस शुभ अवसर पर लिखा है ; जो निम्नलिखित है कृपया देखें :-


“नवरात्रि गीत “ एवम ( डांडिया नृत्य)

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मातारानी का सजा दरबार , आयी नवरात्री….

अम्बे मैया का सजा दरबार , आयी  नवरात्री….

भोले-भाले बालक ,दौड़ के आयें

मां के चरणों में पुष्प चढायें ,

पुष्प चढ़ा के  शीश झुकायें

*मां ने हँस के दिया, वरदान ,

*मां ने बालक को दिया, वरदान, आयी  नवरात्री….

मातारानी का सजा दरबार , आयी  नवरात्री….

अम्बे मैया का सजा दरबार , आयी  नवरात्री

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प्यारी-प्यारी कन्या अर्चना करतीं

मां को लाल चूनरी ओढ़ाती

मां के चरनों में शीश झुकाती

*मां ने मुस्का के दिया, वरदान आयी  नवरात्री

*मां ने कन्या को दिया, वरदान, आयी  नवरात्री

मातारानी का सजा दरबार , आयी  नवरात्री….

अम्बे मैया का सजा दरबार , आयी  नवरात्री

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राजा जो मां के द्वार पे  आये

धन – धान्य और लंगर कराये

मां के चरणों में शीश झुकायें

*मां ने ‘नेह’ से दिया वरदान, आयी नवरात्री

*मां ने राजा को दिया वरदान, आयी नवरात्री

मातारानी का सजा दरबार , आयी  नवरात्री….

अम्बे मैया का सजा दरबार , आयी  नवरात्री

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रानी जो मां के द्वार पे आये

सोलह सिंगार से मां को सजाये ,

कन्या जिमाएं और शीश झुकायें

*मां ने प्रेम से दिया वरदान, आयी नवरात्री

* मां ने रानी को दिया वरदान , आयी नौवरात्री

मातारानी का सजा दरबार , आयी  नवरात्री….

अम्बे मैया का सजा दरबार , आयी  नवरात्री

…………………………………………

जग के सारे दु:खी जन आयें

मां के सामने माफी  मांगे

मां के चरणों में शीश झुकायें

*मां ने भाव से भूल किया माफ , आयी नवरात्री

*मां ने दुखियों को दिया वरदान , आयी नवरात्री

मातारानी का सजा दरबार , आयी  नवरात्री….

अम्बे मैया का सजा दरबार , आयी  नवरात्री

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मां के सारे भक्त पुकारें

‘प्रेम-भक्ति’ का दीप जलायें

मां के चरणों में शीश झुकायें

*मां ने खुश हो के दिया वरदान , आयी  नवरात्री….

*मां ने  भक्तों को दिया वरदान , आयी  नवरात्री….

मातारानी का सजा दरबार , आयी  नवरात्री….

अम्बे मैया का सजा दरबार , आयी  नवरात्री

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normal_navratri-1

आओ चलें सखियां, मां के द्वारे     ( यहाँ से डांडिया नृत्य प्रारम्भ )

प्रेम से मां की ‘भेंटे गा लें

मां के सामने ‘डांडिया’ कर के ,

*अपनी मां को रिझा लें आज, आयी नवरात्री

* मां से हमको भी, मिले वरदान , आयी नवरात्री

मातारानी का सजा दरबार , आयी  नवरात्री….

अम्बे मैया का सजा दरबार , आयी  नवरात्री

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मातारानी ———कि आयी नवरात्री

अम्बे  मइया ——–कि आयी नवरात्री


(द्रुत लय के साथ यह गीत नृत्य के साथ संपन्न होता है)

मीनाक्षी श्रीवास्तव


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