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यह कहते गर्व हो रहा है कि-“नव परिवर्तनों के दौर में हिन्दी ब्लॉगिंग” से चमत्कारिक परिणाम सामने आये हैं। वर्तमान में लगभग ६ अरब से अधिक ” हिन्दी ब्लॉगरस ” की संख्या हैं । और फिर उनकी रचनाओं का – जो उन सबने विभिन्न विषयों पर लिखा होगा और लिखने का क्रम जारी है। आज के समय में पूर्व की अपेक्षा बहुत विषय बढ़ गए हैं।
वर्तमान में लोगों की जागरूकता बहुत बढ़ी हैं तो रुचियाँ भी बढ़ गयी हैं।
अब तक दैनिक जागरण के “Jagranjunction”की अगर कुल हिन्दी पोस्ट देखें – तो शायद 60,000 (साठ हजार) से ज्यादा हो चुकी होगी !
इस प्रकार ऐसे अनेक हिन्दी ई -पेपर और पत्रिकाएं हैं ; दैनिक जागरण – jagranjunction , अमर उजाला, हरिभूमि , नवभारत टाइम्स ,आज , इत्यादि बहुत संख्या में समाचार पत्र हैं अनेक पात्रिकाएं जैसे – इंडिया टुडे , वोमेन’स एरा, संगिनी, कादम्बरी, ग़ृहलक्ष्मी , महक़ता आंचल, प्रतियोगिता दर्पण ,सरिता ,ग्रहशोभा ,इत्यादि अनेक विषयों पर हर स्तर की हैं।
और लगभग कुछ को छोड़ कर बाक़ी बहुत सी में हिन्दी ब्लॉगिंग” हो रही है ; तो अनुमान लगाया जा सकता है “हिन्दी ब्लॉगिंग ” ने हिन्दी को बहुत बढ़ावा दिया है; जिससे जन साधारण में इसके प्रति अच्छी खासी अभिरुचि जाग्रत हुई है।
हिन्दी ब्लागिंग शुरू होने से लोगों में काफी उत्साह जाग्रत हुआ है। मेरी विचार से इतना “हिन्दी का भण्डार” पहले कभी नही रहा । आज हिंदी भाषियों ने अपने -अपने व्यक्तिगत और विभिन्न ब्लॉग बनाये हैं । साथ ही अनेक विषयों पर जैसे राजनैतिक , सामाजिक , भक्ति, स्वास्थ्य , काव्य , गद्य, सामान्य ज्ञान, चलचित्र जगत , संचार सूचना , खेल कूद साहित्य संगीत , कला , प्रतियोगिता , शब्द प्रवाह , तक्नीकी जानकारी , शैक्षिक , भौतिक ,रसायनिक, देश विदेश और उन्नति और विकास तथा क्षेत्रीय इत्यादि पर अनेक बड़ी व छोटी छोटी “हिंदी ब्लॉग ” साइट्स बनाकर लोगों को प्रोत्साहन दिया है . ब्लॉगवाणी , सहित्य प्रेमीसंघ ,कावितालोक , ब्लॉग अनुराग,,लखनऊ ब्लॉगर्स असोसिएशन ,हमारा जौनपुर इसी प्रकार अनेक हिंदी ब्लॉग हैं और अनेकानेक ब्लॉगिंग करने वाले हैं और दिन- प्रति दिन बढ़ते ही जा रहे हैं .
इस विषय में सबसे महत्वपूर्ण कदम ” दैनिक जागरण “-” jagranjunction ” ने उठाया है .
अत: हम कह सकते हैं कि “नव परिवर्तनों के दौर में हिन्दी ब्लॉगिंग” ने आश्चर्यजनक प्रगति की है .तथा सफलता प्राप्त की है ; जिसके सुखद परिणाम सबके समक्ष हैं । हिन्दी ब्लॉगिंग” हिंदी को देश और देश के बाहर दुनिया में स्थापित करने में बहुत सहायक बनती जा रही है । निःसंदेह इसका स्वर्णिम भविष्य होगा !
मीनाक्षी श्रीवास्तव
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