KALAM KA KAMAL
- 161 Posts
- 978 Comments
सुनि घर आवन का ….
‘नवेली’ की कैसी दशा हुई – ? ज़रा देखिये – निम्नांकित – पंक्तियाँ कुछ यूँ बयान कर रहीं हैं :
सुनि पिय आगमन का संदेशा
विह्वल हो गई तन – मन से –
कुछ आकुलाहट कुछ सकुचाहट
‘वो’ हो जाती
ह्रदय उच्छ्वासों पे काबू करती
उड़्ता आँचल – झुकती पलकें।
……………………………………
ठहर ‘अली’ श्रंगार तो कर ले
अपना रूप निहार दर्पण में
पर ना देख सकी ‘आईना ’
अंखियां मुंद गईं यूं लज़ा के ।
.………………………………….
उन्मुख मन के दरवाज़े पर
सुन – ‘प्रिय’ कदमों की आहट
द्रुत चपला ‘वो’ –दौड़ पड़ी ‘
पर हौले से – कुंडी खोली ।
……………………………………
पट खुलते – प्रियतम को देखा
बदली से निकला चाँद ज्यों देखा
नैन चार हुए – सूर्ख गाल हुए
कदम ठिठक गए, दिल महक गए !
……………………………………….
मीनाक्षी श्रीवास्तव
Read Comments