” रक्षाबंधन “
” रक्षाबंधन “
रक्षा बंधन का पर्व /त्यौहार अपने देश भारत में ही मनाया जाता है . इस विषय में कुछ पौराणिक एवं ऐतिहासिक घटनाओं का उल्लेख पुस्तकों में मिलता है .और हम सभी भारतीय भली- भाँति परिचित भी हैं .यह “भाई-बहन का पर्व” होता है. इस दिन बहनें अपने भाईयों के माथे पर तिलक लगा कर कलाई पर रक्षा- रेशम का धागा अथवा राखी बांधती हैं और उनका मुख मीठा करतीं हैं ; साथ ही ईश्वर से अपने भाई के स्वस्थ एवं लम्बी आयु एवं उन्नति की भी प्रार्थना करती हैं और भाई भी अपनी बहन को अपना प्यार भरा उपहार देता है साथ ही उसकी हमेशा रक्षा करेगा ; ऐसा वचन देता है .
रक्षाबंधन भाई-बहन के प्यार का बहुत महत्वपूर्ण त्यौहार माना जाता है . यह दो सार्थक शब्दों से मिलकर बना है – रक्षा + बंधन.-शाब्दिक अर्थ के अलावा भी इसमें गहन अर्थ छिपा है .
रक्षाबंधन के पर्व पर – मैं कुछ कहना चाह रही हूँ :
१- भाई-बहन दोनों को इस पर्व ( रक्षाबंधन ) के वास्तविक अर्थ और महत्व को समझना चाहिए .
२- केवल राखी बाँधने / भेजने और उपहार स्वरूप में ‘द्रव्य’ अथवा मूल्यवान वस्तुवों को ना महत्व दें .
३- कुछ भाई, बहन की शादी के बाद अपने रक्षाबंधन के महत्व को भूल जातें हैं; उसे पराया समझ महज़ औपचारिकता ही निभातें हैं ; उनसे मेरा यही कहना है कि – कृपया ऐसा ना करें.
४-ईश्वर ने भाई-बहन को एक सूत्र में, एक ऐसे पवित्र प्यार के बंधन में -अर्थात रक्षाबंधन के धागे में जब पहले (जन्म ) से ही पिरोकर भेजा है ;तो दोनों को जीवन पर्यन्त इस पवित्र – बंधन की आन-मान-शान और लाज बचा कर रखनी चाहिए .
५- कभी- कभी रक्षाबंधन का बंधन अपनों तक ही नहीं आगे भी कभी किसी से जुड़ जाता है ; तब भी इसकी गरिमा बनाये रखना चाहिए .
” रक्षाबंधन ” के पर्व पर सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं !
मीनाक्षी श्रीवास्तव
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