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” नवरात्रि पर्व शुभ – मंगलमयी हो ”

KALAM KA KAMAL
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” नवरात्रि पर्व शुभ – मंगलमयी हो ”
कल दिनांक तेईस फरवरी से शुभ नवरात्रि पर्व प्रारंभ होने वाला है . अपने देश में लगभग सभी हिन्दू धर्म के अनुयायी ” माँ दुर्गा जी के नौ शक्ति-रूप “ की पूजा -पाठ – अर्चना के साथ ही कुछ लोग पूरे नौ दिन का व्रत रखतें हैं और कुछ लोग प्रथम दिन और अंतिम अर्थात अष्टमी या फिर नवमी का व्रत रखतें हैं . नवरात्रि की महिमा दिनोंदिन बढती ही जा रही है . अर्थात नवरात्रि में व्रत रहने का चलन केवल महिलाएं ही नहीं पुरुषों में भी इसकी भागीदारी कही इससे भी ज्यादा है . माँ दुर्गा के तो सभी नौ रूपों की पूजा मंदिर में या उनकी तस्वीरों में या फिर उनकी मूर्तियों में करेंगे ; भेंट में अथवा दान-दक्षिणा में न जाने कितना कुछ दान कर डालतें हैं ; परन्तु शायद कुछ लोगों को छोड़ कर बाकि कोई भी अपने घर में रहने वाली ‘ देवी माँ ‘ के सद्रश्य साक्षात् रूपों को न तो कोई मान देतें हैं न सम्मान पूजा करने की बात तो छोड़ ही दें . जबकि सच है कि माँ किन-किन रूपों में हो सकतीं हैं ; कोई नहीं जान सकता ; क्योंकि देवी माँ की महिमा अपरम्पार है . कहने का तात्पर्य यह है कि – सब लोग इस बात को तो मानतें हैं कि माँ के अनंत रूप और महिमा हो सकती है ; पर अपने ही घरों में रहने वाली माँ -बेटी -बहन- पत्नी तथा समाज में रहने वाली अन्य भली स्त्रियों में ” देवी माँ ” के रूप हो सकते हैं – इस सच को स्वीकार नहीं कर सकतें . दिखावे का चलन करतें हैं कि नौं दिन व्रत की पूर्णता में कन्या पूजन और उनके भोज कराने में विश्वास करतें हैं ; परन्तु जब जन्म से पहले ही ” कन्या भ्रूण – हत्या ” करतें रहेंगे तो अपनी अपरोक्त प्रथा को कैसे निभाएंगे ?
इस नवरात्रि के शुभ पर्व पर ” देवी माँ ” सभी जन के ह्रदय में परिवर्तन करें ; कि वे ऐसा पाप न करें और सभी स्त्रियों में देवी माँ के ही अनंत रूपों का दर्शन करें ; मान – सम्मान करें ; ऐसी मेरी शुभ कामना है .
सभी को मेरी ओर से नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें .

मीनाक्षी श्रीवास्तव

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