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नये साल की नई बातें..

KALAM KA KAMAL
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” नए साल की नई बातें “



यूँ तो लम्हा – लम्हा नया होता है . हर आने वाला पल नया होता है . हर- दिन…  हर- रात.. हर शाम की हर बात ख़ास ( नई ) ही होती है ..फिर भी हम सब ( अधिकांशतः)  केवल  ‘ पहली  जनवरी ही नहीं बल्कि पूरा जनवरी का महीना – ‘ नव वर्ष ‘  के रूप में मानतें हैं.
नव वर्ष मानाने के बहुत से कारण हैं; परन्तु मेरी नजर से सबसे बड़ा कारण- हर व्यक्ति को सदा एक जोश..एक उमंग- तरंग  की जरूरत होती है वरन वो बोझिल होता जाता है. इसीलिए  ” नव वर्ष ” मानाने का चलन बना कि- इस दिन को नए साल का नाम दिया जाये और नए साल के- नए दिन से , हर किसी काम की शुरुवात नए ढंग नए अंदाज से शुभ-शुभ करने से तात्पर्य होता है. पिछला  सब कुछ  भूल कर ( यदि कुछ अच्छा नहीं हुआ  या पहले से भी अधिक अच्छा.. प्रेरक बनाने के लिए )  पुनः एक नई शुरुवात…  है..”
इसी लिए ” नव वर्ष  ” का इंतजार दिसंबर से शुरू हो जाता है और हर वर्ष कुछ न कुछ नए ढंग से जश्न  करने का प्रयास किया जाता  हैं और ये चलन बढ़ता ही जा रहा है .

गुम..होते..” Greetings कार्ड ” ,,वास्तव में .. याद आतें हैं …क्या दिन थे वो… जब हम सब बड़ी बसब्री से ” ग्रीटिंग्स कार्ड ” का इंतजार करतें थे..पोस्टमन (डाकिये) की साईकिल  की आवाज सुनते ही लगता था कि — जरूर किसी न किसी का ..ग्रीटिंग्स कार्ड ..लाया ..होगा… पर आज sms ने इसकी जगह ले ली है ..आज किसी के पास समय नहीं…कि …फिर जो काम यूँ ही हो जाये ..तो फिर…?   पर कुछ भी हो greetings कार्ड की बात ही कुछ अलग थी .
” नया को सदा नया बनाए रखना का अंदाज़ भी नया तो होना ही  चाहिए ..”
और आप सभी के लिए इस  नव वर्ष में  – ” हर- दिन- हर- रात  नये साल में हो ख़ास( शुभ )  …है हमारी प्रभु से  अरदास –
” नव वर्ष की शुभकामनाओं के साथ…
मीनाक्षी श्रीवास्तव

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